Monday, March 12, 2012

यह किसी बलिदान से कुछ कम नहीं.............





नम्रता यदि ज्ञान से कुछ कम नहीं

तो अहम अज्ञान से कुछ कम नहीं


सड़ रहे हैं शव जहां पर प्राणियों के

वे उदर श्मशान से कुछ कम नहीं


जिस हृदय में प्रेम और करुणा नहीं

वो हृदय पाषाण से कुछ कम नहीं


इतनी महंगाई में भी ज़िन्दा हैं हम

यह किसी बलिदान से कुछ कम नहीं


आचरण यदि दानवों का छोड़ दे तो

आदमी भगवान से कुछ कम नहीं


काव्य में जिसके कलेजे की क़शिश है

वह कवि रसखान से कुछ कम नहीं


आपने अलबेला की कविताएं पढ़ लीं

यह किसी ऐहसान से कुछ कम नहीं


hasyakavi albela khatri in mumbai



जय हिन्द !

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अलबेला खत्री आपका अभिनन्दन करता है